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ग्योहार
सुभाषी
व्यवहार स्वभावी स्वर्ग
तप संगम व्योहार' सरल सुभाषी होय सुरग मुकति पर
सुरंग उन्नीसवीं सवो
औगुण धुनि
नौमी बीसवीं सदी
अवगुण ध्यान नवमी
पर को औगुण देख धुनि होत घोर नौमी फाल्गुन मास
औगुन धुनि
अवगुण ध्वनि
औगुनहार स्वामी दुन्दुभि की ध्वनि भारी
१. श्री चारित्र पूजा, धानतराय, संगृहीतग्रन्थ-राजेश नित्य पूजा पाठ
संग्रह, राजेन्द्र मेटिल वर्क्स, हरिनगर, अलीगढ, १६७६, पृष्ठ १६८ । २. श्री दश क्षण धर्म पूजा, धानतराय, संगृहीतग्रन्थ - राजेश नित्य
पूजा पाठ संग्रह, राजेन्द्र मेटिल वर्क्स, हरिनगर, अलीगढ़, १६७६,
पृष्ठ १८०। ३. श्री सोलहकारण पूजा, द्यानतराय, संगृहीत ग्रन्थ - राजेश नित्य पूजा पाठ
सग्रह, राजेन्द्र मेटिल वर्स, हरिनगर, अलीगढ, १६७६, पृष्ठ १७६ । ४. श्री क्षमावाणी पूजा, मल्ल जी, संगृहीत ग्रन्थ-जान पीठ पूजान्जलि,
अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मन्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड,
बनारस, १६५७, पृष्ठ ४०५ । ५. श्री शान्तिनाथ जिन पूजा, वृन्दावन, सगृहीतग्रन्थ- राजेश नित्य पूजा
पाठ संग्रह, राजेन्द्र मेटिल वर्स, हरिनगर अलीगढ़, १६.६, पृष्ठ
६. श्री पंच कल्याणक पूजापाठ, कमलनयन, हस्तलिखित । ७. श्री गुरुपूजा, हेमराम, संग्रहीतग्रन्थ-बृहजिनवाणी संग्रह, १० पन्नालाल
बाकलीवाल, मदनगंज, किशनगढ़, १९५६, पृष्ठ ३१० । श्री नेमिनाथ जिनपूजा, जिनेश्वरदास, संगृहीतग्रन्थ-जन पूजा पाठ संग्रह, भागचन्द्र पाटनी, नं० ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता ७, पृष्ठ ११४ ।