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उन्नीसवीं शती के कविवर वृंदावन', ममरंगलाल, रामचन्द्र', बख्तावररत्न' और कमलनयन द्वारा प्रणीत पूजा काव्य में इस छन्द का प्रयोग हुआ है।
atest शर्तों के मक्तकवि दौलतराम, भविलालजू", जवाहरलाल", आशाराम, नेम" और पूरणमल" की पूजा-रचनाओं में भी यह छंद प्रयुक्त है । १. जय चन्द्र जिनेन्द्र दयानिधान,
भवकानन-हानन दव प्रमान । जय गरभ-जनम - मंगल दिनंद, भवि जीव विकाशन शर्म-कद ||
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- श्री चन्द्रप्रभ जिनपूजा, वृंदावन, सगृहीतग्रथ-ज्ञानपीठ पूजांजलि, प्रकाशक - अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मंत्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस, प्रथम संस्करण १६५७ ई०, पृष्ठ ३३६ ।
- श्री अथ सप्तर्षिपूजा, मनरंगलाल, संगृहीत ग्रंथ - राजेश नित्य पूजा पाठ संग्रह, प्रकाशक - राजेन्द्र मेटिल वक्सं, हरिनगर, अलीगढ़, संस्करण १७६, पृष्ठ १४० ।
३. - श्री गिरनार सिद्ध क्षेत्रपूजा, रामचन्द्र, संगृहीतमय जैन पूजा पाठ संग्रह, प्रकाशक- भागचन्द्र पाटनी, नं० ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७ पृष्ठ १४१ ।
४. श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा, बख्तावररत्न, संगृहीत ग्रंथ - राजेश नित्य पूजा पाठ संग्रह, गजेन्द्र मेटिल वर्क्स, हरिनगर, अलीगढ़, १६७६, पृष्ठ ११८ । ५. श्री पंचकल्याणक पूजा पाठ, कमलनयन, हस्तलिखित ।
६. श्री पावापुर सिद्धक्षेत्र पूजा, दौलतराम सगृहीतग्रंथ जैन पूजापाठ संग्रह, प्रकाशक- भागचन्द्र पाटनी, नं०६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७, पृष्ठ १४७ । - श्री सिद्ध पूजा भाषा, भविलालजू, संगृही ग्रंथ - राजेश नित्य पूजापाठ संग्रह, राजेन्द्र मेटिल वर्क्स, हरिनगर, अलीगढ़ संस्करण १६७६, पृष्ठ ७१ । ८. श्री सम्मेद शिखर पूजा, जवाहरलाल, संगृहीतग्र प- बृहजिनवाणी सग्रह, सम्फा० व रचयिता स्व० पं० पन्नालाल वाकलोवाल, मदनगंज, किशनगढ़, सितम्बर १९५६, पृष्ठ ४६८ ।
९. श्री सोनागिरि सिद्ध क्षेत्र पूजा, आशाराम संगृहीत प्रथ जैन पूजापाठ संग्रह, प्रकाशक - भागचन्द्र पाटनी, नं० ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७, पृष्ठ १५३ ।
७.
१०. श्री अकृत्रिम चैत्यालयपूजा, नेम
संगृहीत - जैन पूजापाठ संग्रह, प्रकाशक- भागचन्द्र पाटनी, नं. ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७, पृष्ठ २५१ ।
११. श्री चांदनपुर महावीर स्वामी पूजा, पूरणमल, संगृहीत ग्रंथ जैन पूजा पाठ संग्रह, भागचन्द्र पाटनी, नं० ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७ पृष्ठ १५६ ।