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मन्दा है । आपने महलपुर में जन्म लिया। सुवरणीय शीतलनामा चिन्ह
(१५) श्रेयांसनाथ (श्री श्रेयांसनाय जिनपूजा)
मारहवें कम के तीर्थकर भेयांसनाथ ने सिंहपुरी में माता विष्णुदेवी के उपर से जन्म लिया। पीतवर्णीय अपांसमाप के पिता का नाम विष्णु है।मापका चिन्ह गंग' है। (१२) वासुपूज्य (श्री वासुपूज्य जिनपूजा)२
तीर्थकर परम्परा में बारहवें तीर्थकर वासुपूज्य । भापके पिता वसपूज्य तथा मातुश्री विजया है। जन्मस्थल है चम्पानगरी । मंगके समान रक्त वर्णीय वासुपूज्य का चिन्ह "भैसा है। (१३) विमलनाथ (श्री विमलनाथ पूजा)'
तेरहवें तीर्थ कर विमलनाप के पिता कृतवर्मा है और मातुश्री जयश्यामा। जन्मस्थान है-कम्पिलनगरी । स्वर्ण सदृश्य पोतरंगीय शरीर वाले विमलनाथ
(१४) अनंतनाथ (श्री अनंतनाथ पूजा)
पोतरंगीय अनंतनाप का जन्म स्थान अयोध्यापुरी है। आपके पिताश्री सिंहसेम और माता का नाम है सर्बयणा । आपका चिन्ह 'सेही' है।
१. श्री श्रेयांसनाथ जिमपूजा, रामचन्द्र, संगृहीत ग्रंथ--चतुर्विधति जिनपूजा
संग्रह नेमीचन्द बाकलीवाल, जैन ग्रंथ कार्यालय, मदनगंज (किशनगढ़),
राजस्थान, अगस्त १९५१, पृष्ठ ६५ २. श्री वासुपूज्य जिनपूजा, वृन्दावन, संग्रहीत ग्रंथ - ज्ञानपीठ पूजाअलि,
अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मंत्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस,
प्रथम संस्करण १९५७ ई०, पृष्ठ ३४५ । ३. श्री विमलनाथ पूजा, मनरंगलाल, संगृहीत अंघ-सत्यार्थयश, पं. शिवरचन्द्र जैन, शास्त्री, जवाहरगंज, जबलपुर, म०प्र०, चतुर्ष संस्करण,
अगस्त १९५० ई०, पृष्ठ ६१ । ४. भी अनंतनावपूजा, मनरंगलाल, संगृहीत प-सत्यार्षवा, पं.
शिखरबन्द्र जैन, शास्त्री, जवाहरगंज, जबलपुर, म०प्र०, चतुर्थ संस्करण, अगस्त १९५०ई०, पृष्ठ ६९