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________________ 244 जैन ग्रन्थ-प्रशस्ति संग्रह गोपसेन 5, 103 जंबू मुनि (अन्तिम केवनी) 10 गोपाल वर्णी 88 जंबू मुनिपुंगव गोविन्द भट्ट जंबूस्वामी गौतम (गणधर) 11, 13, 37, 48, जिनचन्द्र 51, 60, 61, 72, 101, 102, जिनचन्द्र (भट्टारक) 64, 131 105, 110, 111, 122, 134 जिनचन्द्र सूरि 87,18 गंगमुनि 137 जिनदत्त चन्द्रकीर्ति 62 जिनदास (पडित) 66, 67 चन्द्रकीर्ति ( श्रीभूषणशिष्य) 83 जिनदास ( ब्रह्मचारी) 10, 101, चन्द्रकीर्ति मुनि 180 102, 207 चन्द्रसेन 182, 185 जिनदाससूरि 141 चारित्रभूषण ( भ० रत्ननन्दि शिष्य) जिनदेव ( ठाकुर ) 77 76, 65 जिनसेन 14,38, 36, 41, 43, 46, चारुकीर्ति मुनि 161, 162 197,51,56, 70, 82, 13, 14, चार्वाक 114 17,101, 102,105, 112, 127, जगत्कोर्ति ( भट्टारक) 24, 73 134, 144, 148, 146, 151, जगतभूषण 156 152, 166, 171, 185, 187 जगतभूषण देव (भट्टारक) 136 जिनसेन ( हरिवंशपुराणकर्ता) 17 जगनाथ (कवि) 77, 163 जिनसेन ( महापुराण कर्ता) 178 जगन्नाथ वादी (पोमराज श्रेष्ठी पुत्र) 78 जिनसेन महाकवि जगनाथ (पंडित) 76 जिनसेनाचार्य 23, 24, 111, 145 जनाश्रय जिनाप्य 106 जयकीर्ति 27, 56, 62, 75 जिनेन्द्रभूषण यति 72, 141 जयदेव 84, 134 जिनेन्द्रभूषण (भट्टारक, ब्रह्म हर्षसिधु जय मुनि पुत्र) जयसेन 4, 127, 104 जीवनराम जयसेन मुनि 85 जीवराज (पंडित) 140
SR No.010101
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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