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कहता है कि मैं अपनी कीमती घड़ी होटल में भूल आया हूँ, अब घड़ी वहाँ नहीं मिलेगी। महिला कहती है-क्यों नहीं मिलेगी? अवश्य मिलेगी। भारतीय कहता है-कोई उठा ले गया होगा, इसलिए वह नहीं मिल पायेगी। यह सुनकर वह महिला रोने लगती है। कहती है-क्या आप मेरे देशवासियों को चोर समझते हैं? आप विश्वास कीजिए आपकी घड़ी अवश्य ही मिलेगी। वह महिला और भारतीय घड़ी को लेने होटल जाते हैं। होटल के मालिक से बात करते हैं। अन्दर जाकर देखते हैं घड़ी उसी स्थान पर रखी थी। रखी, पड़ी वस्तु को उठाना चोरी है, इस बात को स्पष्ट करने के लिए एक अन्य दृष्टान्त देखिए।
एक नगर में एक राजा राज्य करता था। उसके राज्य में चोरी पर सख्त पाबन्दी थी, उसके राज्य में चोरी करने वालों के हाथ काट दिये जाते थे। एक दिन राजा नगर घूमने के लिए जाते हैं। रास्ते में, अपनी प्रजा की परीक्षा हेतु, एक सोने का कटोरा डाल देते हैं। कुछ देर बाद उसी रास्ते से एक सेठ गुजरते हैं। वे उस सोने के कटोरे को देखते हैं। सोचते हैं, यह सोने का कटोरा कितना सुन्दर है? यह कटोरा राजा का ही हो सकता है। यह सोचकर वह उसे उठाकर राजा के पास ले जाता है। अब राजा इस कटोरे को देखकर कहता है कि-सेठ जी आपने यह ठीक ही सोचा कि यह कटोरा राजा का है, किन्तु यदि यह किसी और का हुआ तो वह आकर कहेगा कि महाराज चोर हैं, इसलिए आपके हाथ काट दिये जायेंगे और उस सेठ के राजा ने हाथ कटवा दिये।
चोरी की निन्दा-चोरी की जितनी भी निन्दा की जाय उतनी ही कम है। आचार्य शिवकोटि महाराज कहते हैं कि
पदव्वहरणमेदं आसवदारं खु वेति पावस्स। सोगरियवाहपरदारवे हिं चौरोह पापदरो।।
(भगवतीआराधना, 865) परद्रव्य हरण करना पाप आने का द्वार है। सूअर का घात करने वाला मृगादिकों को पकड़ने वाला और परस्त्री गमन करने वाला इनसे भी अधिक पापी चोर गिना जाता है।
चोरी को पापों का भी पाप समझना चाहिए। चोर के पास चुरागई वस्तु अधिक काल तक टिक नहीं सकती। इस बात को निम्न दृष्टान्त द्वारा समझा जा सकता है।
यों का धन यों ही जाता है ___एक नया चोर कहीं से एक घोड़ा चुरा कर ले आता है। वह घोड़े को लेकर बाजार में बेचने के लिए चल देता है। बाजार में घोड़े का रूप देखकर ग्राहक उसके पास आने लगते हैं। एक ग्राहक घोड़े का मूल्य सौ रुपये लगाता है। चोर कहता है कि, क्या चोरी का माल है, जो इतने कम मूल्य में बेच दूं? अब ग्राहक घोड़े की कीमत बढ़ाते चले जाते हैं और सबको चोर यही कहता जाता है कि-क्या चोरी का माल है, जो में बेच ,? इस घटना को वहीं खड़ा एक पुराना चोर देख रहा था। वह भाँप जाता है कि घोडा अवश्य चोरी का है, अत: ठीक मुल्य इसको
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