________________
5. अनुपगूहन:- अन्य जीवों के अज्ञान से अशक्ता से लगे हुए दोष सबको बताना । 6. अस्थितिकरण:- धर्म से विचलित होते हुए जीवों को धर्म में न लगाना और धर्म से विचलित करना।
7. अवात्सल्यः- अपने साधर्मी भाइयों से द्वेष रखना, प्रीति न रखना।
8. अप्रभावना:- जिन धार्मिक कार्यों की प्रभावना न करना, प्रमाद करना ।
कुदेव का दृष्टान्तः- एक बार एक माली अपने बाग से फूल तोड़कर रास्ते में ले जा रहा था उसी रास्ते में विष्टा पडी थी, उसने सामने देखा कि एक विद्वानों की टोली चली आ रही है। उसने विष्टा पर फूल डाल दिये ताकि विद्वानों को विष्टा का स्पर्श न हो। फूल डालकर वह माली वहाँ से चला गया, जब नगर के लोगों ने यह देखा तब उन्होंने समझा कि यहाँ देव प्रकट हुये है । इसलिए यहाँ फूल चढ़े हैं। हम लोगों को भी देव की पूजा करना चाहिए। फिर क्या था नगर के लोगों ने फूल चढाना शुरू कर दिये, वहाँ इतने फूल चढ़े कि बहुत ढेर बन गया। जब नगर के राजा को मालूम पड़ा तो उसने अपने मन्त्री को बुलाकर कहा, कि हमारे नगर देव प्रकट हुये हैं, सभी नगर जन वहाँ पूजा करने जा रहे हैं। हमको भी वहाँ पूजा करने जाना चाहिए। यह कहकर राजा और मन्त्री वहाँ पहुँचे, राजा फूल चढाने लगा, मन्त्री होशयार था । उसने राजा से कहा राजाजी अभी ठहरो पहले देव के दर्शन तो कर ले मन्त्री की बात सुनकर राजा ने अनुचरों को आज्ञा दी कि ये सब फूल हटा दो, जब अनुचरों ने फूल हटाये तो वहाँ पर विष्टा पडी थी यह देखकर सभी हँसने लगे।
कुदेव सेवन अज्ञानता का, मिथ्यात्व का लक्षण है। जो तथ्यों से, सच्चाई से अनभिज्ञ होता है, वही अन्धानुकरण करता है । उसको कभी इष्ट फल की प्राप्ति नहीं हो सकती। वह उपहास का पात्र बन जाता है, जैसा निम्न दृष्टान्त में भी समझाया गया है
किसी नगर में एक राजा एवं उनकी पत्नी रहती थीं। एक दिन नगर में एक बहुत सुन्दर मेला का आयोजन होता है। रानी राजा से कहती है कि आज मैं बाजार घूमने जाना चाहती हूँ। नगर में मेला भी बहुत सुन्दर लगा है। राजा यह सुन स्वीकृति नहीं देते। रानी हट कर बैठती है कि मैं तो आज अवश्य जाऊँगी। अब राजा कहते हैं कि ठीक है- अगर तुम जाना ही चाहती हो तो जाओ, किन्तु मेले में यदि कोई तुम्हें गधा मिल जाये तो उसका एक बाल तोड़ लेना और महल में ले आना।
रानी सेवकों के साथ, बाजार घूमती हुई मेले में पहुँच जाती है। मेले में उसे एक गधा मिल जाता है। उसे राजा की कही बात तुरन्त याद आ जाती है। राजा के कहे अनुसार वह गधे का एक बाल तोड़ लेती है। यह आने-जाने वाले भी देखते हैं। अब यह देख दर्शक विचारने लगते
126