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अनाज का दाना समझने वाला एक व्यक्ति था। वह स्वयं को आनाज का दाना समझता था। जब वह घर से बाहर निकलता था तब वह डरता था। कि कहीं मुझे चिड़िया न चुग जाये। इस प्रकार बहुत दिन बीत गये, वह घर में ही रहता कोई काम धन्धा नहीं करता, इससे उसकी पत्नी बहुत परेशान थी। उसने एक दिन अपने पति से कहा-"आप कुछ काम तो करते नहीं हो घर का खर्च कैसे चलेगा। आप को कोई बीमारी हो तो डाक्टर के पास चले जाओ और दिखा आओ।" वह चिड़ियों को देखते-देखते और डरते-डरते डॉक्टर के पास पहुंचा, वह बोला-"डाक्टर जी! मुझे एक बहुत बड़ी बीमारी है। कृपया करके इसका इलाज करें।" डॉक्टर बोला-"कौन सी बीमारी है?" वह बोला-"मुझे यह महसूस होता है कि मैं अनाज का दाना हूँ, इसके कारण मुझे चिड़ियों से बहुत भय रहता है। कृपा कर कुछ इलाज बताओ" डॉक्टर उसे अन्दर ले गया और शांति से उससे कहा कि देखो तुम्हारे हाथ, पैर, कान, मुँह आदि हैं और मानव का शरीर है, तुम तो मनुष्य ही हो दाने का तो तुम्हें भ्रम हो गया है, इस भ्रम को छोड़ो, समझे। वह बोला समझ गया। डॉक्टर बोला अब आराम से घर जाओ। वह घर जाने लगा, जब बाहर निकला और कुछ दूर चला, तो उसे एक मुर्गी दिखाई दी। वह डॉक्टर की बताई बातें सब भूल गया, और स्वयं को दाना समझ प्राण बचाने के लिए डॉक्टर के पास भागा और चिल्लाया डॉक्टर जी बचाओ-बचाओ। डॉक्टर ने कहा क्यों क्या हुआ-"वापिस क्यों आ गये?" क्या अभी भी विश्वास नहीं हुआ कि मैं मनुष्य हूँ दाना नहीं।" वह बोला-"डॉक्टर जी मुझे तो विश्वास है। लेकिन उस मुर्गी को कौन बताता कि मैं मनुष्य हूँ दाना नहीं। वह तो हमें ही दाना समझकर खा जाती।"
स्वयं को भैंसा समझने वाला दो मित्र एक गाँव में रहते थे। एक का नाम गोपाल और दूसरे का भीखू था। एक दिन भीखू वन में गया और एक गुफा में जाकर बैठ गया तथा विचार करने लगा मैं एक भैंसा हूँ, मेरे सींग बहुत बड़े हैं और वे इस गुफा में फंसे हैं, अब मैं यहाँ से कभी नहीं निकल सकता। उधर गोपाल को भीखू कहीं भी दिखाई नहीं दिया, उसने ढूंढते हुए जंगल में उसी गुफा के पास खड़े होकर आवाज लगाई....भीखू ओ भीखू। जब भीखू ने आवाज सुनी तो वह अन्दर से बोला मित्र मैं यहाँ से उठ नहीं सकता मेरे सींग बहुत बड़े हैं और वे गुफा में अड़े हैं अगर खड़ा हुआ तो टूट जायेंगे। जब ये शब्द गोपाल ने सुने तो वह आश्चर्य में पड़ गया और दौड़कर उस गुफा में गया, देखता है कि भीखू ध्यान में बैठा है। गोपाल ने जाकर भीखू को हिलाया तो वह चिल्लाने लगा मरा..... मरा। गोपाल ने उसे एक थप्पड़ मारा तब उसे होश आया।
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