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खण्ड
* नवतत्त्व अधिकार *
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७-सैनी पञ्चेन्द्रिय-जीव वे होते हैं, जिनके उपरोक्त पाँच इन्द्रियाँ और मन होता है । जैसे-मनुष्य, पशु आदि ।
जीवके शरीर प्रश्न-शरीर किसको कहते हैं ?
उत्तर-जिसमें प्रतिक्षण बढ़ने घटनेका धर्म हो अथवा जो शरीरनाम-कर्मके उदयसे उत्पन्न होता हो, उसे 'शरीर' कहते हैं।
शास्त्रकारोंने शरीर पाँच प्रकारके बताये हैं। १-औदारिक, २-वैक्रियक, ३-पाहारिक, ४-तैजस और ५-कार्मण ।
१-मनुष्य, पशु आदिके स्थूल शरीरको, जिसमें हाड़, मांस, लोहू आदि हो, उसको 'औदारिक-शरीर' कहते हैं। ___ २-जिसमें छोटे-बड़े एक-अनेक श्रादि नाना प्रकारके रूप बनानेकी शक्ति हो, उसको 'वैक्रयिक-शरीर' कहते हैं । वैक्रयिकशरीर देव और नारकीके होते हैं। इनमें लोहू, हाड़, मांस आदि नहीं होते। जब ये मरते हैं तो इनके शरीर कपूरकी तरह बिखर जाते हैं।
३-कुछ पहुँचे हुए मुनियों (छठे गुणस्थानवर्ती मुनियों) को जब तत्त्वोंमें कोई ऐसी पपृच्छा हो जाती है, जिसका समाधान तीर्थक्कर या श्रुतकेवली बिना अन्य किसी ज्ञानीसे नहीं हो सकता हो तब वे तीर्थकर महाराज या केवली महाराजके निकट जानेके लिये अपने शरीरमेंसे एक हाथका पुतला निकालते है, वह