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* जेल में मेरा जैनाभ्यास *
(२) जिन वस्तुओंसे उनका भान न होवे; जैसे-शतरंजके मोहरों में बादशाह, हाथी, घोड़ा, आदि होते हैं, उन्हें 'असद्भावस्थापना' या 'अतदाकारस्थापना' कहते हैं। ___३-जिस मनुष्य या वस्तुमें वर्तमान समय में गुण न होनेपर भूत-भविष्यकालकी पर्यायकी मुख्यता लेकर वर्तमानमें कहना, वह 'द्रव्यनिक्षेप' है। जैसे-भविष्यमें होनेवाले राजाके पुत्रको (युवराजको) वर्तमानमें राजा कहना अथवा जो भूतकाल में फौजदार था उसका ओहदा चला जानेपर भी उसे फौजदार कहना, यह द्रव्यनिक्षेप है। ___४-जिस पदाथकी वर्तमान में जो पर्याय हो, उसको उसी रूपमें कहना, उसे 'भावनिक्षेप' कहते हैं। जैसे काष्ठको काष्ट अवस्थामें काष्ठ कहना, कोयला होनेपर कोयला और राख होनेपर राख कहना।
उक्त चारों निक्षेपोंमेंस प्रथम तीन निक्षेप गुण बिना होनेसे 'श्रवत्थुक' कहे हैं और चौथाभाव निक्षेप सगुण होनेसे 'उपयोगी'
कहा है।