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'महावीर सम्बन्धी स्पष्टीकरण
'महावीर का चरित्र चाहिए उतना विस्तार पूर्वक नहीं लिखा जा सका, इसका खेद है। त्रिषष्टिशलाका पुरुष में इनका जीवन विस्तार पूर्वक है, किन्तु इसमें दिए गए वृत्तान्तों में कितने सच्चे हैं, यह शंकास्पद है। 'भाजीवर इत्यादिकी बातें इकतर्फी और साम्प्रदायिक सगड़ो सेगी हुई लाती है। जैनधर्मका हिन्दुस्तान में जो महत्व है, उसे देखते हुए महाकार विषयक विश्वसनीय सामग्रा थोड़ी ही मिल सकती है, यह शोचनीय बात
जैनधर्म के तत्वशन को समझाना इस पुस्तक का उद्देश्य नहीं है, इसीलिए इस चर्चा में मैं उतरा नहीं हूँ।
इस कारण 'महावीर' का भाग बहुत छोटा लगता है, फिर भी जितना है वही इस महापुरुष को सच्चे रूपमें दर्शाता है, ऐसा मैं मानता
इस भाग में पं. सुखलालजी तथा भी. रमणीकलाल मगनलाल मोदी:की मुझे जो सहायता:मिली है, उसके लिए उनका आभारी हूँ।
-कि० घ.म.
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