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________________ बुद्ध आनंद : "जी नहीं, वहाँ स्त्रियों की बहुत प्रतिष्ठा है ।" बुद्ध : " वज्जिगण नगर के अथवा नगर के बाहर के देवालयों की क्या सार सझाल करते है ? " आनंद : "हाँ भगवन् ।” बुद्ध : "बया वे लोग संतपुरुषों का आदर करते हैं ?" आनंद : "जी हाँ ।” यह सुन बुद्ध ने मंत्री से कहा : " मैंने वैशाली के लोगों को यह सात नियम दिए थे। जबतक इन नियमों का पालन होता है तबतक उनकी समृद्धि ही होगी, अवनति हो नहीं सकती । " मंत्री ने अजातशत्रु को वज्जियों के पीछे न पड़ने की ही सलाह दी । अभ्युन्नति के नियम : ९. ३२ मंत्री के जाने के बाद बुद्ध ने अपने भिक्षुओं को एकत्र कर इस प्रकार शिक्षा दी : “भिक्षुओ, मैं तुम्हें अभ्युन्नति के सात नियम समझाता हूँ । उन्हें सावधानीपूर्वक सुनो [१] जब तुम एकत्र होकर संघ के काम करोगे, [२] जबतक तुम में ऐक्य रहेगा, [३] जबतक संघ के नियमों का भंग नहीं करोगे, [४] जबतक तुम वृद्ध और विद्वान भिक्षुओं को मान दोगे, [५] जबतक तुम तृष्णा के वश नहीं होओगे, [६] जबतक तुम एकान्त प्रिय रहोगे और [0] जबतक
SR No.010086
Book TitleBuddha aur Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKishorlal Mashruvala, Jamnalal Jain
PublisherBharat Jain Mahamandal
Publication Year1950
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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