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________________ उपदेश ८ राज्य समृद्धि के नियमः एक बार राजा बजातशत्रु ने अपने मंत्री को बुद्ध के पास भेजकर कहलाया कि, " मैं वैशाली के वज्जियों पर आक्रमण करना चाहता हूँ। इसलिए इस विषयपर अपना अभिप्राय दें।" ___ यह सुन बुद्ध ने अपने शिष्य आनंद की बोर मुड़कर पूछा, "आनंद, पब्जिगण बारबार एकत्रित होकर क्या राजकारण का विचार करते हैं ?" बानंद : "हां भगवन् ।" बुद्ध : " क्या इन लोगों में जमा होकर लौटने के समय तक भी एकता स्थिर रहती है ?" आनंद : "ऐसा सुना तो है।" बुद्ध : "ये लोग अपने कानूनों का भंग तो नहीं करते न ? अथवा कानूनों का चाहे जैसा अर्थ तो नहीं करते न" अनंद : “जी, नहीं । ये लोग बहुत नियम पूर्वक पन्नेवाले हैं, ऐसा मैंने सुना है।" बुद्ध : " वृद्ध राजनीतिज्ञों को सम्मान देकर वज्जिगण क्या उनकी सगह लेते हैं" बानंद : "जी हाँ; वे उनका बहुत मान रखते हैं।" बुद्ध : “ये छोग अपनी विवाहिता या अविवाहिता स्त्रियोंपर अत्याचार तो नहीं करते न "
SR No.010086
Book TitleBuddha aur Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKishorlal Mashruvala, Jamnalal Jain
PublisherBharat Jain Mahamandal
Publication Year1950
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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