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मैं ऋणी हूँ। इसमें जो त्रुटियां हों उन्हें मेरे ही विचार और ग्रहणशक्ति की समझें।
बुद्ध देव के चरित्र के लिए श्री धर्मानंद कोसंबी की 'बुद्धलीला सार संग्रह' और 'बुद्ध, धर्म अने संघ' पुस्तकों का ऋणी हैं। महावीर की वस्तु अधिकांशतः हेमचंद्राचार्य कृत 'त्रिषष्ठि शलाका पुरुप' के आधार पर लिखी गई है।
गुजराती प्रस्तावना से]
-कि० घ० मशरूवाला