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स्तम्भ न०
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भाग
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१९
विषय
१ -- विवादास्पद सूत्र - पाठ और उसके अर्थ के लिये जैन विद्वानो के मत
७१
-- इस औषधदान पर दिगम्बर जैनो का मत ७८ - जैन तीर्थकर का आचार
३-
७९
1- निग्रंथ श्रमण तथा निर्ग्रथ श्रमणोपासक
का आचार
६ -- इस औषध को सेवन करनेवाले, औषघ लानेवाले, औषध बनाने तथा देनेवाले का जीवन-परिचय
७ - - मासाहारी प्रदेशो मे रहनेवाले जैन धर्मावलवियो का जीवन - सस्कार
तथा उसके प्रभाववाले प्रदेशो मे अन्य धर्मावलबियो पर उनका प्रभाव
८ -- अन्य तीथिको द्वारा जैन-धर्म सम्बन्धी आलोचना में मासाहार के आक्षेप का
अभाव
-- तथागत गोतम बुद्ध की निर्ग्रथावस्था की तपश्चर्या मे मासाहार को ग्रहण न करने का वर्णन
१० -- श्रमण भगवान् महावीर का रोग तथा
उसके लिये उपयुक्त औषध
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११ -- विवादास्पद प्रकरणवाले पाठ में आने वाले शब्दों के वास्तविक अर्थ
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विभाग १ - - मास शब्द की उत्पत्ति का
इतिहास
२ -- मास के नामो मे वृद्धि
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