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.इस पुस्तक के लेखक की अन्य के कृतियां.. - मंत्र, यंत्र, तंत्र विज्ञानाभाग एक और दो मूल्य Rs. 35 एक शकुन विज्ञान मूल्य Rs. 35
जीवन उत्कर्ष के लिए मत्र यंत्र शक्तिशाली साधन है। जीवन की अलग-अलग भूमिकाओं पर रहने वालों को अलग-अलग प्रकार से सहायक होता है। विशेष स्पष्ट करे तो धनार्थी को धन,सन्तानार्थी को सन्तान, अरोग्य यशार्थी को अरोग्य यश का अधिकारी बनाता है। विविध प्रकार के भयों से रक्षण करता है। कोई व्याध रोग या पीडासे पीडित है तो उसका निवारण करता है। भूत-प्रेत शक्ति की पीड़ा बाधा छाया मे पीड़ितों को छुटकारा दिलाता है। आध्यात्मिक विकास द्वारा परमात्मा पद तक पहुंचने की अभिलाषा हो तो उसमें भी अन्त तक सहायक होता है।
मंत्र-यंत्र-तंत्र विज्ञान के ऐसे प्रयोग दिये हैं। वे सब अपनी कटम्ब जाति समाज, देश राष्ट्र,विश्व,धर्म, धर्म स्थलों आदि की रक्षा। हिंसक पशुओं पक्षियों, चोरों डाकओं, गंडों बलात्कारियो, बदमाशों आदि शत्र,शत्रसेनाओं से रक्षा तथा बचाव के लिए परमावश्यक और प्रभावशाली प्रयोग है। व्यवमायिक कार्यों की गत्थियो को सुलझाने के लिए अमोध उपाय है। वैर विरोध शमन शांति स्थापित करने में अचूक है। महा आँधी, महावृष्टि को रोक कर महाँ प्रलयकारी से बचाव अनावृष्टि, अवृष्टि का निवारण कर सखे काल आदि से राहत, हिंसक को अहिंमक व्यभिचारियों को सदाचारी,विपत्ति पीडितों को मुक्ति दिलाकर सखी बनाता है। निःसन्तानियों को सतान प्राप्ति अविवाहितों को योग्य साविधी प्राप्त. बिछड़ों को मिलाप बदी को बंदीखाने (जेल) से मुक्ति दिलाकर परिवार पति पत्नियों में परस्पर वैर, प्रेम, स्नेह करा देना। युद्धो से निजात दिलाना शासको आदि को मत्र के चमत्कारो से प्रभावित कर धर्म समाज विश्व कल्याणकारी कार्यों में सहयोग लिया जा सकता है। विश्व में जितने भी भलाई के कार्य हैं। वे सब मंत्र आदि के प्रयोग से प्राप्त किये जा सकते हैं। जो जीवन को अमृतमय बना सकते हैं।
पंडित प्रवर श्री हीरालाल जी दग्गड जो जैन विधा मर्मज्ञ हैं ने ५५ वर्षों के सतत परिश्रम से प्राचीन शास्त्र भंडागेसे मंत्र तत्र यंत्र विज्ञान का सग्रह किया है। इसमे से दो भाग प्रकाशित हो चुके हैं।
पहले भाग, महामंत्र नवकार,नमुत्पण,लोग स्म के मत्रो यत्रो तत्रों का विधि विधान सहित तथा नाब ग्रह दोष निवारण के मंत्रों-यत्रों-तंत्रो एव रत्नों द्वारा उपायों का वर्णन है। पैमठिये यंत्र (२४ तीर्थंकरो तथा १ संघ) दूसरे भाग में पांच शासनदेवियों के मंत्रों-यंत्रों-तंत्रो का विधि विधान सहित समावेश है। (१ महान चमत्कारी पदमावती देवी.... पाश्र्वनाथ प्रभु की शासन देवी)२. महाचमत्कारी चक्रेश्वरी देवी (प्रभु ऋषभदेव सिद्ध चक्र शत्र जय तीर्थ की शासन देवी) ३ अधिकार देवी (श्री नेमिनाथ प्रभ की तथा कांगड़ा महातीर्थ की शासन देवी) ४. महालक्ष्मी इन सब मत्रो यत्रों तंत्रों के विधि विधान सहित आराधना करने का विस्तार पूर्वक वर्णन है। प्रत्येक भाग का मूल्य रुपये पैंतीस-डाक, खर्च अलग।
शफल विज्ञान- इममें शकनों के फलों का घर मे चैत्यालय बनाने आदि अनेक विषयों का विस्तार पूर्वक वर्णन है। मूल्य रुपये बीस डाक खर्च अलग।
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