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________________ किरण १] पत्रकार स्व० श्री देवकुमार जैन २५ इन समाचारों के अतिरिक्त कुछ फुटकर स्थानीय समाचार भी यथा स्थान छापे जाते, जिनमें जैन हितकारिणी सभा आदि संस्थाओं के अधिकतर श्रारा नागरी प्रचारिणी सभा, धारा समाचार तथा कार्यवाही की रिपोर्ट छुपा करती थी । अबतक 'जैन गजट' के सम्बन्ध में जो कुछ कहा गया उससे स्पष्ट है कि स्व० बाबू देवकुमार जैन ने इस पत्रिका के द्वारा जा सेवा की है वह उनके नाम और यश को बनाये रखने के लिए पर्याप्त है। जहाँ तक पत्रकारिता का सम्बन्ध है, हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास में उनका एक उल्लेखनीय स्थान है। जिस जमाने में हिन्दी के नाम पर पढ़ े लिखे लोग नाक भौं सिकोड़ते थे : स जमाने में हिन्दी में गद्य और पद्य से सुसज्जित ऐसा सुन्दर पत्र निकालना कोई साधारण बात नहीं थी । 'जैन गजट' की कोई भी प्रति हाथ में लीजिये, जान पड़ता है यह उस युग का दर्पण है। क्या धार्मिक, क्या साहित्यिक और क्या सामाजिक सभी प्रकार की समस्याएँ और वहीं उनके समाधान की ओर संकेत भी सर्वत्र दृष्टिगोचर होते हैं। इस पत्रिका के इस सम्बन्ध में रतलाम निवासी श्री दरयाव सिंह हीराचन्द जैन के उद्गार नीचे 'उद्धृत कर मैं लेख को समाप्त कर देना चाहता हूँ । "यह जैन गजट क्या है ? क्या अन्य अन्य समाचार पत्रों की नाई यह भी अखबार है । क्या यह पत्र किसी एक श्रादमी द्वारा अपने स्वार्थ साधन निमित्त निकाला जाता है ? नहीं ! नहीं भाइयो ! यह हम सब भाइयों को मोह निद्रा से जगाकर धर्म के सन्मुख करनेवाला महोपदेशक है यह एक वही परम मित्र है जो अपने पूरे भोजन को भी न पाकर पेट बाँधे हुए परोपकार में तत्पर रहता है। यह वही निधि है जिसके द्वारा इच्छित पदार्थ की प्राप्ति हो सकती है। यह एक जैन जाति का वह महत्पुरुष है जो अपने वात्सल्य भाव द्वारा जाति भर में एकता फैलाने में उद्यत रहता है । यह उसी उत्तम मार्ग से सहानुभूति रखनेवाला है जो मोक्ष मार्ग का सहकारी है।" इस प्रशस्ति के प्रत्येक वर्ण से उस महान् व्यक्ति की प्रतिभा का परिचय मिलता है। श्राज वह हमारे बीच नहीं है पर उसकी श्रमल कीर्तिचन्द्रिका हमारे वर्त्तमान परिताप के शमन के लिए पर्याप्त है।
SR No.010080
Book TitleBabu Devkumar Smruti Ank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherJain Siddhant Bhavan Aara
Publication Year1951
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size47 MB
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