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________________ ७४ भास्कर [भाग १७ गेटप आदि उत्तम हैं। ज्योतिष का परिज्ञान प्राप्त करने तथा व्यावहारिक बातों को जानने के लिये यह ग्रन्थ अत्यन्त उपयोगी है । पाठकों को मगाकर लाभ उठाना चाहिये। -तारकेश्वर त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य रस्नाकरशतक द्वितीय भाग-रचयिना : कवि रत्नाकर वर्णी; अनुवादक और सम्पादकः- स्वस्ति श्री १०८ प्राचार्य देशभूषण महाराज; सहायक सम्पादकः ज्योतिषाचार्य पं. नेमिचन्द्र शास्त्री, प्रकाशक : स्याद्वाद प्रकाशन मन्दिर पारा; पृष्ठ संख्याः १५+२७१; मूल्य : २॥) रुपया कवि रत्नाकरवी कन्नडभाषा का श्रेष्ठ कवि माना जाता है। उसकी यह रचना भाव और भाषा की दृष्टि से अद्भुत है। श्री १०: आचार्य देशभूपण महाराज ने इसका अनुवाद और सम्पादन कर हिन्दोभाषा-भाषी जनता के लिये इसे सुलभ बना दिया है। इसका विवेचन आधुनिक शैली की खड़ी बोली में लिखा गया है । साधारण से साधारण व्यक्ति भी इसके स्वाध्याय से जनधर्म के गहन आध्यात्मिक सिद्धांतों को अवगत कर सकता है। छपाई-सफाई अच्छी है, गेटप सुन्दर है । स्वाध्याय प्रेमियों को इस प्रन्थ से लाभ उठाना चाहिये । -माधवराम न्यायतीर्थ विश्व-शान्ति और जैन-धर्म-लेखकः पं० नेमि वन्द्र शास्त्र प्रकाशकः जुगलकिशोर जैन बी० एस-सी. जैनेन्द्र भवन पारा; पृष्ठ संख्या : ५८ मूल्य : पाठ पाना विश्व की आधुनिक समस्याओं को सुलझाने में जैन-धर्म के सिद्धान्त कहां तक व्यावहारिक, व्यापक, और स्थायी सफलता प्राप्त कर सकते हैं, यही इस छोटीसी पुस्तक की रचना का ध्येय है। मानव जीवन के मुख्य तत्व, राग और द्वेष विकृत होकर संचय और अधिकार-लिप्सा की प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन देते हैं जो अशान्ति के विभिन्न वातावरण उपस्थित करती हैं । शान्ति स्थापन करने के प्रयत्न इसी भावना से प्रेरित होने के कारण असफल होते जा रहे हैं। जैन-दर्शन के सिद्धांत प्रेम और सामं. जस्य की भावना को प्रतिष्ठित कर विश्व शान्ति में बाधक बहुमुखी समस्याओं का व्यावहारिक समाधान करते हैं। विषय के प्रतिपादन में तर्कपूर्ण श्रादर्शवादी दृष्टिकोण प्रहण किया गया है। भाषा सरल, स्पष्ट और तथ्यपूर्ण है। विवेचन प्रणाली गंभीर होते हुए भी मनोरंजक है। छाई-सफाई अच्छी है। पाठकों को पुस्तक मंगाकर पढ़नी चाहिये । चन्द्रसेनकुमार जैन श्री० ए० (ऑनर्स)
SR No.010080
Book TitleBabu Devkumar Smruti Ank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherJain Siddhant Bhavan Aara
Publication Year1951
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size47 MB
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