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________________ समर्पण करने का निश्चय किया। प्रथ के संपादनार्थ निम्नलिखित विद्वानों का संपादक मण्डल गठित किया गया: श्री पं० चैनसुखदासजी न्यायतीर्थ, जयपुर । ., डा० ए० एन० उपाध्याय, कोल्हापुर । ,, पं० कैलाशचन्दजी शास्त्री; वाराणसी। , अगरचन्दजी नाहटा; बीकानेर । डा. कस्तूरचन्द काशलीवाल; जयपुर । डा. सत्यरंजन बनर्जी; कलकत्ता । कालीदास नाग । ग्रंथ में हिन्दी एवं अंग्रेजी के लेख रखना स्वीकार किया गया। खेद है कि इनमें से थी कालीदास नाग का देहावसान होगया। ' समिति ने निश्चय किया कि ग्रन्थ के मुद्रण प्रादि का कार्य पं० चैनसुखदास जी के सानिध्य में जयपुर में ही हो। एतद्धेतु एक ऐसे व्यक्ति को आवश्यकता अनुभव की गई जो प्रूफ रीडिंग प्रादि एवं अन्य कार्यों में उन्हें सहयोग दे सके और जो संस्कृत, अंग्रेजी का विद्वान् हो । अतः एतदर्थ पं० भंवरलालजी पोल्याका, जैनदर्शनाचार्य, की नियुक्ति को गई और उन्होंने यह कार्य करना स्वीकार कर लिया। फलस्वरूप श्री नाग के स्थान पर उनका सहवरण किया गया। उक्त निश्चयानुसार अभिनन्दन ग्रंथ की तैयारी की जाने लगी। पं० चैनसुखदासजी एवं डा० उपाध्यायजी ने क्रमशः हिन्दी, एवं अंग्रेजी के लेखों का संपादन किया है। संपादक मण्डल के अन्य सदस्यों ने यथाशक्य सहयोग दिया है। इसके लिए समिति इन विद्वानों के प्रति हादिक प्रामार प्रकट करती है। जिन विद्वानों एवं महानुभावों ने ग्रन्थ के लिए लेखादि देकर सहयोग दिया उनकी भी समिति बहुत भाभारी है। अभिनन्दन ग्रन्थ की सामग्री के संकलन एवं संपादन हो जाने के बाद भी किन्हीं कारणों से उसका प्रकाशन प्रारम्भ नहीं हुअा था कि बाबूजी का स्वास्थ्य अचानक अधिक खराब हो गया और उन्हें ११ दिसम्बर सन् ६५ को अस्पताल में ले जाया गया। वहां कभी उनके पुनः स्वस्थ होने को पाशा दिखती और कभी वह पाशा क्षीण होती थी। वे उस अवस्था में भी साहित्य एवं समाज तथा विद्वानों की चर्चा में पूर्ण रस लेते थे। . मृत्यु से १० दिन पूर्व उन्होंने कहा था "देखो ! पं० लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद ही राष्ट्रपति ने उनको भारतरत्न की उपाधि दी है। व्यक्ति की मृत्यु के बाद ही उसका अभिनन्दन होना
SR No.010079
Book TitleBabu Chottelal Jain Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherBabu Chottelal Jain Abhinandan Samiti
Publication Year1967
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size11 MB
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