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नशीली वस्तुओं का निषेध
मनुष्य जाति स्वभाव से नीति, विनय आदि अच्छी ग्रादों वाला जीव है । परन्तु उन लोगों को जिन्हें किसी नशीली चीज के सेवन से बुरी लत पड़ जाती है, वे अपने अच्छे स्वभाव को खो देते हैं । उन्हें क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए, क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए इसका बिल्कुल ही ज्ञान नहीं रहता । भांग, धतूरा, शराव, चरस, गांजा, तम्बाकू, अफ़ीम आदि नशीली चीजें बुद्धि को और शरीर को दोनों को ही नष्ट-भ्रष्ट करने वाले होते हैं । इनके चक्कर में पड़ कर मनुष्य जुत्रा, मांस भक्षण, चोरी, वेश्या सेवन, हत्या जैसे सभी भयंकर कुकर्म करने लगता है । अच्छे बुरे का तो उसे बिल्कुल ज्ञान ही नहीं रहता ।
कुछ लोग बहका कर कभी सोसायटी और फैशन के नाम पर या धर्म के नाम पर भोले भाले बालकों को या युवकों को नशा करना सिखाने की कोशिश करते हैं । कहते हैं कि जिस ने सिगरेट या शराब नहीं
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