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________________ १९६] परमात्मप्रकाश भावार्थ-व्यवहारसे लोक-अलोकका प्रकाशक और निश्चयनयसे निज शुद्धात्मद्रव्यका ग्रहण करनेवाला जो केवलज्ञान वह यद्यपि व्यवहारनयसे केवलज्ञानावरण कर्मसे ढंका हुआ है, तो भी शुद्ध निश्चयसे केवलज्ञानावरणका अभाव होनेसे केवलज्ञानस्वभावसे सभी जीव केवलज्ञानमयो हैं । यद्यपि व्यवहारनयकर सब संसारो जीव जन्म मरण सहित हैं, तो भी निश्चयनयकर वीतराग निजानन्दरूप अतीन्द्रिय सुखमयी हैं, जिनको आदि भी नहीं और अन्त भी नहीं ऐसे हैं, शुद्धात्मस्वरूपसे विपरीत जन्म मरणके उत्पन्न करनेवाले जो कर्म उनके उदयके अभावसे जन्म मरण रहित हैं । यद्यपि संसारअवस्थामें व्यवहारनयकर प्रदेशोंका संकोच विस्तारको धारण करते हुए देहप्रमाण हैं, और मुक्त-अवस्थामें चरम (अन्तिम) शरीरसे कुछ कम देहप्रमाण हैं, तो भी निश्चयनयकर लोकाकाशप्रमाण असंख्यातप्रदेशी हैं, हानि-वृद्धि न होनेसे अपने प्रदेशोंकर सब समान हैं, और यद्यपि व्यवहारनयसे संसार-अवस्थामें इन जीवोंके अव्याबाध अनन्त सुखादिगुण कर्मोंसे ढंके हुए हैं, तो भी निश्चयनयकर कर्मके अभाव से सभी जीव गुणोंकर समान हैं। ऐसा जो शुद्ध आत्माका स्वरूप है, वही ध्यान करने योग्य है ॥१७॥ अथ जीवानां ज्ञानदर्शनलक्षणं प्रतिपादयतिजीवहं लक्खणु जिणवरहि भासिउ दसण-णाणु । तेण ण किज्जइ भेउ तहं जइ मणि जाउ विहाणु ॥९८|| जीवानां लक्षणं जिनवरैः भाषितं दर्शनं ज्ञानं । तेन न क्रियते भेदः तेषां यदि मनसि जातो विभातः ।।८।। आगे जीवोंका ज्ञान-दर्शन कहते हैं-(जीवानां लक्षणं) जीवोंका लाण (जिनवरैः) जिनेन्द्रदेवने (दर्शनं ज्ञानं) दर्शन और ज्ञान (भाषितं) कहा है, (तेन) इसलिए (तेषां) उन जोवोंमें (भेदः) भेद (न क्रियते) मत कर, (यदि) अगर (मनसि) तेरे मन में (विभातः जातः) ज्ञानरूपी सूर्यका उदय हो गया है, अर्थात् है शिष्य, तू सबको समान जान । भावार्थ-यद्यपि व्यवहारनयसे संसारीअवस्था में मत्यादि ज्ञान, और चक्षुरादि दर्शन जीवके लक्षण कहे हैं, तो भी निश्चयनयकर-केवलदर्शन केवलनान ये ही नक्षन है, ऐसा जिनेन्द्रदेवने वर्णन किया है । इसलिये व्यवहारनयकर देह-भेदसे भी भेद नहा
SR No.010072
Book TitleParmatma Prakash evam Bruhad Swayambhu Stotra
Original Sutra AuthorYogindudev, Samantbhadracharya
AuthorVidyakumar Sethi, Yatindrakumar Jain
PublisherDigambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages525
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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