________________ जैनतत्त्वादर्श _वायु अपसिद्धान्त झूठा सिद्धान्त अवसर्पिणी काल घटती का अपान गुदा से निकलने वाली / काल-जिस काल में पदार्थों की शक्ति, परिमाण आदि मे कमी होती अपौरुषेय पुरुष का न बनाया हुआ| रहती है। अप्रतीयमान मालूम न होने वाला | अवस्वापिनी निद्रा लाने वाली अवहुश्रत अजानी विद्या अभिनिवेश आग्रह, हठ अवस्थित रहते हैं बढते नही अभिमत सम्मत, स्वीकृत अविच्छिन्न अचटित, अखण्ड अमनोज्ञ वुग, खराव अविनाभावी नियम से साथ अमल मद करने वाली वस्तु रहने वाला अमोघ सार्थक, सफल अविपरीतार्थ सत्य अर्थ अम्भोरुह कमल अशिव दुःख अर्क अाक का वृक्ष अशुचिपना अपवित्रता अर्गल वेडी, वन्धन अण्डज अण्डे से उत्पन्न होने अर्थाश्रय अर्थ सम्बन्धी - वाले अर्श मस्सा असमंजस अमंगत अरु और असमीचीन अनुचित्त, अच्छा नहीं अवकाश स्थान अस्मद् हम अवगम जान अस्थि हही अस्मिता अहंभाव . अवर्णवाद निन्दा अवष्टभभूत आधारभूत अज्ञ अज्ञानी