________________ पंचम परिच्छेद 476 के वश से बोले / 6 विकथा करे, सो असत्य / 10. जिस वोलने में जीव की हिंसा होवे, सो असत्य / अब दश प्रकार का मिश्र वचन कहते हैं / 1. उत्पन्न मिश्रित सो विना खबर कह देना कि इस नगर में आज दश वालक जन्मे हैं, इत्यादि / 2. विगत मिश्रित सो जैसे विना खबर के कहना कि इस नगर में आज दश मनुष्य मरे हैं / 3. उत्पन्न विगतमिश्रित-सो जैसे विना खबर के कहना कि इस नगर में आज दश जन्मे हैं, अरु दश ही मरे हैं / 4. जीवमिश्रित-सो जीवाजीव की राशि को कहना कि यह जीव है / 5 अजीवमिश्रित-सो अन्न की राशि को कहना कि यह अजीव है / 6. जीवाजीवमिश्रित--सो जीवाजीव दोनों को मिश्रभाषा बोले / 7. अनंतमिश्रित-लो मूली धादिकों के अवयवों में किसी जगे अनंत जीव हैं, किसी जगे प्रत्येक जीव हैं, उन को प्रत्येक काय कहे / 8 प्रत्येक मिश्रित-सो प्रत्येक जीवों को अनंतकाय कहे / 6. अद्धामिश्रित-सो दो घड़ी के तड़के में कहे कि दिन चढ़ गया है। 10. अदद्धामिश्रित-सो घड़ी एक रात्रि जाने पर, दिन का उदय कहे / यह दश प्रकार का मिश्रवचन है / अब व्यवहार वचन के बारह भेद कहते हैं / 1. आमंत्रण करना-कि हे भगवन् ! 2. आज्ञापना-यह काम कर, तथा यह वस्तु ला / 3. याचना-यह वस्तु हम को दोजिये। 4. पृच्छना-अमुक गाम का मार्ग, कौनसा है ? 5 प्रज्ञापना -