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देवगति में जाने के मुख्य चार कारण हैं ।
(१) साधुजी के पंच महाव्रत शुद्ध पालने से बहुत बढ़ा देव होवे । (२) श्रावक के बारह व्रत शुद्ध पाले तो बड़ा देव होवे । (३) समकित के विना ही पापों को घटा । कर खूब तप करना । (४) अनिच्छा से बहुत दुःख भोगे तो छोटा देव होवे |
मिलते अशुभ कषाय से, पशु नारक दुःख भोग | मन्दकषाय व्रतादि से, सुर नर गति सुख भोग ॥
पाठ ४९ - सुनो सब महावीर सन्देश ।
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मनुज मात्र को तुम अपनाओ, हर सब के दुख क्लेश । सद्भाव रक्खो न किसी से, हो अरि क्यों न विशेष ॥ यही है महावीर सन्देश ॥ १ ॥
सविधि
यत्न
बैरी का उद्धार श्रेष्ठ है, कीजे बैर छुटे, उपजे मति जिससे, वही
यही है महावीर सन्देश
घृणा पाप से हो पापी से, नहीं भूल सुझाकर प्रेम मार्ग से, करो
॥
यही है महावीर सन्देश ॥
२ ॥
कभी
उसे
३ ॥
विशेष ।
यत्नेश ||
लवलेश |
पुण्येश