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पाठ २५ – स्वास्थ्य और दवाइयाँ (१) ।
जलने पर - खाने का चूना वारीक पीस कर अलसी के तैल में मिलाकर अग्नि या गरम जल अथवा गरम तेल से जले हुए स्थान पर लगाने से बहुत लाभ होता है, जलन तत्काल बन्द हो जाती है ।
दूसरी दवा हमली की छाल जलाकर और महीन पीसकर जले हुए स्थान पर अलसी या नारियल का तैल लगाकर दिन में दो-तीन बार बुरकने रहना चाहिए, इससे बहुत जल्द आराम होगा ।
घाव की बदबू – यदि घाव में बदबू हो, तो धुली हुई रुई को मिट्टी के तेल में भिगोकर घाव पर लगाने से गन्ध दूर हो जाती है और पीप नहीं पैदा होती
कोढ़ को दबा - लजौनी (छुई मुई) जड़ी करें पीप कर कुष्ठ पर लगाने से शीघ्र आराम होगा ।
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बन्द पेशाब - नाभी पर गोपी चन्दन का करने से वन्द पेशाव फिर शुरू हो जाता है ।
दूसरी दवा - ककड़ी के बीज, सेंधा नमक, त्रिफल इन सब को समान भाग लेकर चूर्ण बना डाले । इसको गुनगुने पानी के साथ खाने से मूत्रावरोग दूर होता है।