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( १०२ ) १६ आयुष्य कर्म का बंध अकस्मात् जीवन में एक समय ___ही होता है इसलिये अशुभ कर्म से प्रत्येक समय में
__ सावधानी रखनी चाहिये। १७ कषाय से स्थिति और अनुभाग का बंध होता है । १८ योग से प्रकृति और प्रदेश का बंध होता है। १९ कृषिकार के योग व्यापारी के योग से विशेष चपल __ होते हैं पर कृषिकार की कषाय कितनेक धान्यादि ___ व्यापारी वर्ग की कषाय से पतली होती है। २० योग में पाप मानते हैं वैसा कपाय में भी पाप
माननेवाले विरले ही दीखते हैं। २१ योग की शांत दशा और कपाय की तीव्रता होना
बगुला जैसा शांत ध्यानस्थ योगीमय जीवन विताना है २२ योग निरोध की चिंता होती है पर कपाय निरोध
की उपेक्षा की जाती है। कपाय यही संसार है। २३ योग की चपलता के सदृश कपाय की चपलता में
पाप समझा जाय तो जीव जल्द मोक्ष गामी वन
जाय किन्तु समझ विपरित हो रही है। २४ योग की प्रवृत्ति केस के समान है पर कपाय की
प्रवृत्ति सिर जैसी है, क्या केस की रक्षा कीजाय
और सिर का छेदन किया जाय ? योग का निरोध किया जाता है पर कपाय के घोडे दौडायो जाते हैं। २५ लकडी मारने में पाप समझा जाता है पर बुरा परिणाम ___ में उतना भी पाप नहीं माना जाता ।