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________________ (४४) पहुंचाने वाले को ५ वर्ष की सख्त कैद की सजा का. धा. नं. ४३० । (१६) लोगों को डराने के विचार से झूठी गप्प वगैरह उडाने वाले को २ वर्ष की कैद मय जुर्माने कैद की सजा का. धा. नं. ५०५ । ( १७ ) व्यभीचार का झूठा आरोप रखने वाले को ७ वर्ष की सख्त कैद की सजा का. धा. नं. ५०६। झूठ के अपराधों की सजाएँ। (१) झूठी सौगन्द खाकर बयान देने वाले को ३ वर्ष की सख्त कैद मय जुर्माने की सजा का० धा० नं० १८१ (२) किये काम के लिये दस्तखत न करने वाले को ३ मास की कैद और ५००) रु. तक के दंड की सजा का० धा० नं० १८०, (३) झूठा कलंक देकर 'किसी को हानि करने वाले को छह मास कैद की सजा और १०००) रु० तक का दंड का० ‘धा० नं० १८२ (४) जान करके झूठी गवाही करने वाले को सात साल की सख्त कैद की सजा १९३ (५) खून की झूठी गवाही देने वाले को कालापानी और अगर उसके कारण किसी 'को फांसी मिल गई हो तो फांसी की सजा १९४ (६) 'वनावटी अंगूठा या सही करने वाले को ७ वर्ष की सख्त कैद की सजा ४७५ (७) झूठा नामा व हिसाव करने वाले को अथवा उसमें मदद देने वाले को ७ वर्ष की सख्त कैदकी सजा ४७७A झूठेखत दस्तावेज रजिस्टर आदि लिखने वाले को ७ वर्ष की सख्त कैद की सजा १९६
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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