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________________ ▸ ( ४३ ) ५ सजा ३०२ । ( ५ ) सब प्रकार की स्वतंत्रता छीनकर किसी को गुलाम बनाकर रखने, लेने व बेचने वाले को ७ वर्ष की सख्त कैद की सजा का. धा. नं. ३७० । ( ६ ) किसी को बिना किसी कारण से रोक ( किसी बंधन में ) रखने के लिये एक वर्ष की सख्त कैद का. धा. नं. ३४२ । ( ७ ) किसी को गाली देना, अपमान करना, दिल दुखाना आदि के लिये ३ मास की सख्त कैद की सजा का. धा. नं. ३५२ । ( ८ ) आम रास्ते पर जानवर काटने आदि की हरकत करने वाले को २०० ) का दंड का. धा. नं. २९० । ( ९ ) आत्म घात करने की कोशीश करने वाले को १ वर्ष की सख्त कैद की सजा का.धा. नं. ३०९ । ( २० ) गर्भपात करने व कराने वाले को तीन व सात वर्ष की सख्त कैद की सजा का. धा. नं. ३१२ । ( ११ ) बारह वर्ष से छोटे बालक को बिना किसी आश्रय के घर से बाहर निकालने के लिये या छोड देने के लिये सात वर्ष की सख्त कैद की सजा का. धा. नं. ३१७ । ( १२ ) मृत बालक को गुप्त गाडने के लिये २ वर्ष की सख्त कैद का था. नं. ३१८ । (१३) जबरदस्ती से बेगार कराने वाले व शक्ती से ज्यादा काम लेने वाले को एक वर्ष की सख्त कैद की सजा का. धा. नं. ३७४ । ( १४ ) किसी पशु को व्यर्थ में दुख देने वाले को ३ मास की सख्त कैद की सजा का. धा. नं. ४२६ । ( १५ ) किसी के खेत को हानि
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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