________________
( ६ )
योग्य व्यक्ति के लिये लिखी जारही है । अतएव इसे पढ़ने तथा मनन करने वाले अन्य पाठक भी उसी योग्यता के समझे जायेंगे ।
नरदेह का प्रत्येक अंगोपांग अनंत मूल्यवान है । जन्म दरिद्री को दो लाख के दो हीरे देकर उनके एवज़ में उसकी दो आंखें मांगने पर वह नहीं देगा । तथा एक लाख रुपैया देने पर भी वह नाक या जिव्हा का एक माशा मांस देने से साफ इन्कार कर देगा |
1
जिसके पास सम्पूर्ण पांच इंद्रियां मोजूद हैं वह अपने को परम सुखी मानता है तथा उस सुख की मस्ती में लाख या करोड़ रुपयों को भी लात मार देता है ।
जब मनुष्य शरीर के प्रत्येक अंश की इतनी भारी कीमत है तो समस्त शरीर, इंद्रियां, मन, बुद्धि, निरोगता दीर्घायु, उत्तमकुल, सद्गुरु समागम तथा जिनवाणी वगैरह का कितना मूल्य होना चाहिये ।
यदि कोई किसी बैंक या गव्हर्नमेंट के पास एक करोड़ रुपये ब्याज से रखता है तो वह बैंक या गव्हर्नमेंट उसे प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये (पांच टके प्रमाण ) रुपये व्याजके देती है । इस तरह प्रति वर्ष पांच लाख रुपये मिलते रहते हैं और करोड़ रुपये का मूलधन ज्यों का कायम रहता है | अगर बारह वर्ष तक व्याज नहीं तो मूलधन बढते २ दुगुना याने
दो करोड़ हो
1