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दूसरा भाग
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(१६) गर्भ बाहिर आने के बाद बालक को दूध न पाने वाली माँ पापिन कि शिक्षा न देने वाली ?
( १७ ) नीति का धन दूध के समान और अनीति का धन खून के समान है ।
(१८) दया देवी का दर्शन धर्म स्थान मे नहीं किन्तु कसाई खाने में होते हैं । कारण वहाँ कठोर हृदय भी अनुकंपा से पिगल जाता है
१९ ) किसान खेती के पहिले बीज की जांच करता है । क्या आपने कभी व्याह के समय संतान की तंदुरस्ती का विचार किया है ?
(२०) एक अशिक्षीत स्त्री देश का नाश करती है और शिक्षित खी देश का उद्धार कर सकती है ।
(२१) सौ मनुष्य की पैदाइश लूटने वाला एक राक्षस या अन्य कोई ?
( २२ ) सौ मनुष्य जितना भोजन खर्च करने वाला एक राक्षस या अन्य कोई ?
( २३ ) जो रस्सी प्रांत की बनी हुई है उसको क्या आप कंदोरा रूप से पहिन सकते हो ?
( २४ ) जिस वस्त्र के बनने मे पंचेद्रिय जीवों की चरवी लगती है, उसको क्या आप पहन सकते हो ?
(२५) नुगता धनवान को निर्धन और निर्धन को भिखारी, ( मंगता ) बनाता है |
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(२६) शास्त्र - श्रवण - क्रिया गर्भ धारण समान है जिसे शुद्ध मन से करनी चाहिये। उसका पालन प्रसव-तुल्य है। कुज्ञान