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श्रीआत्म-बोध
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(छ काय सिद्धि भाग १)
(तर्क, अनुमान और वैज्ञानिक दृष्टि ) मुमति-भाई जयत, छ काय क्या ।
जयत-सर्वदा प्रभु ने ससारी जीवों को छ प्रकार मे पहिचाना है। उन देह धारी जीवो को छकाय कहते है। सिद्ध (मुक्त) जीवो के सिवाय सारे ससारी जीव छकाय मे श्रा जाते हैं।
सुमति-छकाय के नाम कहोगे भाई ?
जयत--मित्र सुमति सुनो, १ पृथ्वी काय ( माटी पत्थर 'प्रादि मे रहने वाले जीव ), २ अपकाय (जल के जीव ), ३ ते उकाय (अग्नि के जाव), ४ वाउकाय ( हवा के जीव) ५ वनम्पतिकाय (लीलोतरी, कदमूल, काई के जीव ), और ६ सकाय (हिलसे डुलते जीव-रेइन्द्रिय से पञ्चेन्द्रिय तक),
सुमति--तो भाई क्या उसकाय के सिवाय दूसरे जीव हिलते दुलते नहीं।
जयत--ता, भाई, । दूपरे सब जीव एक स्थान में पड़े रहते हैं। इसीलिए इन जीवो को स्थापर (स्थिर रहने वाचे ) जीव कहते हैं। वे आपसे पाप हिलडुल नहीं सकते।
सुमति-भाई जयत । पृथ्वी आदि स्थावर (स्थिर रहने पालो ) मे जीव है क्या ? उनकी प्रतीति जैसे हो? वे दिखाई तो देते नही, फिर मानने में कैसे पाये।
जयत-भाई, 'अपना ज्ञान ऐला निर्मल नहीं कि जिमसे अपन सब जान सके । यूरोप और अमेरिका की हकीकत समाचार