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अद्वितीय समाज सेवक
उन जैसा समाज-सेवक और समाज के लिए टीस रखने वाला मुझे दूसरा कोई व्यक्ति दिखाई नही देता । उनकी कार्य-प्रणाली श्रोर ठोस कार्य करने की शक्ति से मै तव से परिचित हू जब १९३५ मे साबू क्षेत्र पर यात्रियो के लिए गवर्नमेंट द्वारा लगाये टैक्स का उन्होने डटकर विरोध किया था और हम जैसे युवको को आह्वान किया था । अब तो उनका व्यक्तित्व, प्रभाव और सेवा का ढग केवल रमरणीय रह गये है ।
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उनके स्थान की पूर्ति होना कठिन है । मैं और मेरी श्रीमती उनकी श्रात्मा की शांति के लिए कामना करते है तथा आपके प्रति हार्दिक सहानुभूति प्रकट करते है । भगवान् श्री जिनेन्द्र से प्रार्थना है कि वे आपको इस असह्य कष्ट को सहन करने का बल प्रदान करें ।
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सेवाभावी, मधुरभाषी
श्री दरबारीलाल जैन न्यायाचार्य M. A.
स्वर्गीय लाला तनसुखरायजी की स्मृति में आप एक प्रथ प्रकाशित कर रहे है जिसका सूचना पत्र प्राप्त हुआ । पढ कर बहुत ही खुशी हुई ।
मेरा भी उनके साथ कुछ सपर्क दिल्ली में दो तीन बार हुआ था। इनकी सेवाभावी मिलनसार वृत्ति से मै परिचित हूँ और उनके चतुराई भरे मधुर शब्द अभी तक नही भुला सका हूँ । उनका सार्वजनिक कार्य में सपर्क तो बहुत ही था और ऐसे सेवाभावी व्यक्ति के लिए स्मृतिग्रन्थ प्रकाशित करने का आयोजन आपने किया इसके लिए अनेक धन्यवाद । उनकी पुण्यस्मृति मैं मै श्रद्धाजली भेंट करता हूँ ।
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बड़े मेहवाननवाज़
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श्री भगवतीप्रसाद खेतान खेतान भवन, बम्बई
श्री उग्रसेन जैन
मंत्री भा०वि० जैन परीक्षाबोडं, काशीपुर (नैनीताल)
भाई तनसुखरायजी बडे उत्साही कार्यकर्ता थे । उनमे टक्कर लेने की शक्ति थी । और कुशल प्रबन्धक तथा मेहमाननवाज थे। मेरा उनका ३५ वर्ष से अधिक समय से सम्पर्क रहा । परिषद् के कार्यों में उनके सामने बडी-बडी कठिनाइया भाईं परन्तु उन्होने उसकी थोडी-सी भी चिंता नही की और लगातार जीवन भर समाज और देशसेवा के कार्यो मे लगे रहे।
मैं ऐसे कर्मबीर पुरुष के प्रति हार्दिक श्रद्धाजलि अर्पित करना है ।
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