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________________ मारवाड़ के जैन राठौड़ राजा १९१ मांखाड़ के जैन राठौड़ राजा कन्नौज के अन्तिम राजा गहड़वाल राजा जयचन्द के वंशजों के 1 राजपूताने में आने के पहले भी हस्तिकुएडी (हँयूड़ी, जोधपुर राज्य ) में और धनोप ( शाहपुर राज्य) में राष्ट्रकूटों के राज्य होने के प्रमाण मिलते हैं । वि० सं० १०५३ ( ई० सन् ९९७ ) का एक लेख बीजापुर से मिला है । यह स्थान जोधपुर राज्य के गोड़वाड़ के परगने में है । इस शिलालेख का वाचन भी विद्ववर्य पं० रामकरणजी ने किया है और वह शुद्ध करके उन्होंने "एपिप्रा फिकाइण्डिका" में दुबारा छपवा दिया है। आप लिखते हैं: -- १. हरिवर्मन : "यह शिलालेख कहता है कि हस्तिकुंडीनगरी में हरिवर्मन के पुत्र २. विदग्धराजः - 19 ने विक्रमी संवत् ९७३ ( ई० स० ९१६ ) में केशवसूरि की सन्तान में जो वासुदेवाचार्य हुए, उनके उपदेश से जिनराज का मन्दिर बनवाया और पूजा का निर्वाह होने के लिये कई लागें लगादीं । इस विषय के उसमें ये पद्य हैं:-:
SR No.010056
Book TitleRajputane ke Jain Veer
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAyodhyaprasad Goyaliya
PublisherHindi Vidyamandir Dehli
Publication Year1933
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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