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________________ .: मारवाड़ - परिचय . १७९ १५. नाणा:--- रेलवे स्टेशन: नाणा से २ मील । यहाँ श्रीमहावीर स्वामी का : मन्दिर के द्वार जैन मन्दिर है । उसमें लेख है कि बिलहरा गोत्र के ओसवाल - डूडा ने सं० १५०६ - माघः बदी १० श्री शान्तिसूरि द्वारा पर एक लेख . सं० २०१७ का है। आले के भीतर एक लेख 'सं० १६५९ का है, कि रागा श्री० अमरसिंह ने मन्दिर को. " दान दिया । - १६. . वेलारः- नाणा से उत्तर-पश्चिम ३ मील । यहाँ एक श्रीपार्श्वनाथ का जैन मन्दिर है, उसके खम्भे पर एक लेख सं० १२६५ का है, कि नागा के राजा धाँधलदेव के राज्य में किसी सवाल ने 'जीर्णो द्धार कराया । १७. सेवाड़ी:-- बीजापुर से उत्तर-पूर्व ६ मील । यहाँ श्रीमहावीर स्वामी का जैन मन्दिर है, कुछ मूर्तियाँ जैनाचार्यों की हैं। उनके आसन पर वि०सं० १२४५ संदेरक गच्छ है । मन्दिर के द्वार पर कई लेख हैं । · १८. घाणेराव : सेवाड़ी से उत्तर-पूर्व ६ मील | पहाड़ी के नीचे श्री. महावीर स्वामी का जैन मन्दिर ११ वीं शताब्दी का है । १६. बरकाना:-- " जि० ; देसूरी, यहाँ श्री पार्श्वनाथ का जैन मन्दिर १६ वीं शताब्दी का है ।
SR No.010056
Book TitleRajputane ke Jain Veer
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAyodhyaprasad Goyaliya
PublisherHindi Vidyamandir Dehli
Publication Year1933
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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