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________________ X0 नामाऽनुक्रमणी 726 मझिमनिकाय (बोद्ध ग्रथ) 41 28, 31, 60, 63, 67, 73, मरणुवक हन्ली (ग्राम) 174, 212, 81, 642 / 222, 238 महावीर-द्वात्रिशिका 518 मदुग 158 महावीर-पट्टपरम्परा मध्यमा (नगरा) 56, 60, 61 महावीर शक मन्दप्रबोधिका 280 महामेन (उद्यान) मन्दसौर 596 महिमा (नगरी) मर्करा महिमानगड (ग्राम जिला सतारा) 82 मलयगिरि ( टीकाकार)७८, 202, म . महेन्द्रकुमार (न्यायाचार्य) 324,325, 683,684 326.326, 553 मलयगिरिमूरि 531 महेन्द्रवमन् 226 मल्लवादी (श्वे०) 505,506, 546, मगराजकवि 550, 551. 552, 553, 566 माघनन्दी 281, 5, 622, 6444 584, माणिकचन्द (मेट) 271 मल्लिभूषण (भट्टारक) 228 मारिणक्यनन्दी 644 मल्लिगप्रस्ति 158, 166, 224, माथुरान्वय 236, 580, 646, 660, 662 माधवचन्द्र मल्लिपंगणमूरि 282 माधवचन्द्र-विद्यदेव 282 महाकम्मपडि-पाडु मान त्र्यम (गोत्र) महाकमप्रकृति प्राभून मायिदाबोलु महाकाल-प्रामाद मालव (मालवा) 241 महाकाल-मन्दिर मालव (देश) 172 महापुगरण 632 मिहिरकुल(राजा) महाबंध मीमांमाश्लोकवार्तिक महायानहाशग 652 मुज (राजा) महावा 42 मनिचन्द्र महावी भगवान) 1, 5, 7, 15, मूलसघ 90, 104, 156 14. 15, 16, 23, 24, 26, मूलसंघ (नन्दिसंघ) 604 226 300
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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