SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 723
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नामाऽनुक्रमही गुगरल 514 चन्द्रनन्दी गुणवर्म 277 चन्द्रपुर 231 चन्द्रप्रभ गुरुगुणषट्त्रिंशिका गुर्वावली 66, 566, 567, 568 चन्द्रप्रभचरित गृध्रपिच्छाचार्य (उमास्वाति) 102, चन्द्रप्रभसूरि 105, 107, 108, 150, 156, चन्द्रवरदाई 164, 260, 662, 678 चन्नरायपट्टण (तालुका) गेरुसोप्पे 150, 643 चरक गोमा (कदन्ववंशशाखा) 670 चर्चासमाधान गोतम ( गोत्र ) चहप्रद्यांत 38 गोम्मटमंगहमुत्त चामराजनगर गोम्मटमार 280, 587, 586 चामुण्ड राय 276, 463, 483,644 गोम्मटमार कर्मकाण्ड 626 चारित्तपार 62.660 गोवर्द्धन चारित्र-भक्ति गोशालक (मंखलोपुत्र) चाम्पीति 164 गोनम. 60, 82.642 चाहमान चण्डमहासेन 34 गौतम (गणधर) चरिणमूत्र 88, 586, 560. 561 गौतमम्वामी चेटक (गजा) गौरीशंकर हीराचन्द्रजी प्रोझा 81 चेलना (गनी) चण्डव्याकरण 66 छेदमूत्र चतुरविजय (मुनि) 547. 565 जगन्नाथ चतुर्मुख (कल्कि) जटामिहनन्दी (माचार्य) चतुवितिसधान 376 जम्बूद्वीपप्राप्ति चन्द्रगुप्त ( सम्राट ) 36, 36, 40 जम्बूद्विजय (मुनि) 551. 554 42,173 जम्बूस्वामो 81,87 चन्द्रगुस (मुनि) 156 जम्बूस्वामिचरित चन्द्रगुप्त (भद्रबाटुशिष्य) 604 जयकाति चन्द्रनगर जयचन्द्र 4 . 360 av
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy