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________________ नामाऽनुक्रमणी 717 152 करहाटक 174, 236, 241 कालवण (ग्राम) करहाट (कराड) 172 कालिकाचार्य 546 कर्णाटक-कविचरिते 162, 163, कालिदास (कवि) 281,686 काबेरी (नदी) 152 कर्णाटक-शब्दानुशासन 174, 275 काव्यानुशासन 563, 686 काशी 48 कर्णामृतपुराण 515 काशीनाथ त्रिम्बकतेलंग 668, 666, कर्मप्रकृतिप्राभूत 266, 276, 283, काशीप्रसाद ( के० पी० ) जायसवाल कर्मप्राभूत-टीका 266 . 278 काश्यप कलापा भरमापा (50) 15. 288 कांची 158, 222, 225, 228, कल्कि 226, 230.231.234, 237, कल्पमूत्र-स्थ विरावली 566 562 563 कल्याणकारक (वंद्यक ग्रन्थ) 41.514 कांचीपुर (कांजीवरम्) 173, 241 कल्याणमन्दिर (स्नोत्र) 58. 515. कांजीवरम (कांची) 158 516, 51.7. 26.558. 571 कित्तगन्वय 603 कल्यागविजय (मुनि) 46,47. 48. 68. 564, 565. 69 कुन्दकुन्द (पयनन्दि)८६, 103.121, कविपरमेश्वर कमायपाहट ( कायप्राभृन ) 86. 518. 166, 600.6.2 88.266,56.585.586, कुन्दकन्द वापी 663 560.511600 कुन्दन्दाचार्य 86.6.66. 102, कंसाचार्य 108. 150, 326, 330, 480, काकुत्स्थवर्मा 504, 556, 576. 568, 602, काकुत्स्थान्वय कातिकेय (मुनि) 463. 464 कुन्दकुन्दान्वय 603, 604 कार्तिकेयानुप्रेक्षा 463, 466 कुमारनन्दी। 500, 622 कानकमूरि 570 कुमारसेन कुण्डपुर
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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