SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 276
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २७२ जैनसाहित्य और इतिहासपर विशद प्रकाश नगर ( वियना ) की लायब्ररीमें मौजूद है । और इसपर दो एक विद्वानोंको वहाँ भेजकर ग्रंथकी कापी मँगानेके लिये कुछ चंदे वगैरहकी योजना भी हुई थी; परंतु बादमें मालूम हुआ कि वह खबर ग़लत थी-उसके मूल में ही भूल हुई है-और इस लिये दर्शनोत्कंठित जनताके हृदयमें उस समाचारसे जो कुछ मंगलमय माशा बंधी थी वह फिर से निराशामें परिणत होगई। मै जनसाहित्यपरसे भी इस ग्रंथके अस्तित्वकी बराबर खोज करता मा रहा है। अबतकके मिले हुए उल्लेखों-द्वारा प्राचीन जैनसाहित्य परसे इस ग्रंथका जो कुछ पता चलता है उसका सार इस प्रकार है: (१) कवि हस्तिमल्लकि 'विक्रान्त-कौरव' नाटककी प्रशस्तिमें एक पद्य निम्न प्रकारसे पाया जाता है तत्त्वार्थसूत्रव्याख्यानगंधहस्तिप्रवर्तकः । स्वामी समन्तभद्रोऽभूदेवागनिदेशकः ।। यही पद्य 'जिनेन्द्र कल्याणाभ्युदय' ग्रंथकी प्रशस्तिमें भी दिया हमा है, जिसे पं० अय्यपार्यने शक सं० १२४१ में बना कर ममाप्त किया था; और उसकी किसी किमी प्रतिमें 'प्रवर्तकः' की जगह 'विधायकः' पौर 'निदेशकः' की जगह 'कवीश्वरः ' पाठ भी पाया जाता है; परन्तु उससे कोई अर्थभेद नही होता अथवा यो कहिये कि पद्यके प्रतिपाद्य विषयमें कोई मन्तर नहीं पड़ता। इस पद्यमे यह बतलाया गया है कि "म्वामी ममन्नभद्र 'तत्त्वार्थमूत्र' के 'गंधहस्ति' नामक व्याख्यान ( भाष्य ) के प्रवर्तक -अथवा विधायक-हुए हैं और माथ ही वे 'देवागम' के निदेशक-अथवा कवीश्वरभी थे।" ___ इम उल्लेखसे इतना तो स्पष्ट मालूम होता है कि समन्नभद्रने 'तत्त्वार्थसूत्र' पर 'गंधहस्ति' नामका कोई भाष्य अथवा महाभाष्य लिखा है, परंतु यह मालूम नहीं होता कि देवागम' (प्रासमीमांसा) उस भाष्यका मंगलाचरगा है। देवागम' यदि मंगलाचरणरूपसे उस भाष्यका ही एक अंश होता तो उसका पृथकरूपसे नामोल्लेख करनेकी यहां कोई जरूरत नहीं थी; इम पद्यमें उसके पृथक नामनिर्देशसे | कवि हस्तिमल्ल विक्रमकी १४ वीं शताब्दीमें हुए है।
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy