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मुक्ति रज-सुकुमार
जव वाईसवें तीर्थकर भगवान् अरिष्टनेमि इस आर्यावर्त में थे, उन दिनों द्वारिका में राजा वसुदेव के घर, महारानी देवकी की कोख से 'गज-सुकुमार का जन्म हुआ। इन का रूप वड़ा ही अनूठा था। समय पर, इन की समुचित शिक्षा का सुप्रवन्ध किया गया । शिक्षा-सम्पन्न राज कुमार, जब यौवनावस्था को पहुंचे, तब उसी नगरी के परम सदाचार