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हरिकेशी मुन्दि
आज से लगभग ढाई हजार वर्ष हुए, तब गंगा नदी के तट पर, किसी एक गाँव में एक चारडाल कुल रहता था । उसी में से हरिकेशी नामक एक हरिजन वालक था ! नटखटी और उदण्डता, उत्त के जन्म-जात अधिकार थे। रास्ते चलते हुए लोगों से मज़ाक और छेड़-छाड़ करना, मानो उसे उसकी जन्म-धुंटी के साथ पिलाया गया था । उसकी इन दुष्ट