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अमर कुमार
वीर भगवान् महावीर के समय, महाराज श्रेणिक ( विम्वसार) राज-गृह में राज करते थे । वहाँ ऋषभदत्त नामक एक निर्धन ब्राह्मण रहता था। उसके चार पुत्रों में से सब से छोटे का नाम श्रमर- कुमार था। वह जन्म ही से सत्संग- प्रेमी था । कुमार के हृदय को कोमल और निष्कपट देख एक दिन एक मुनि राज ने 'नवकार ' महा-मन्त्र इसे सिखला दिया। मुनि के