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श्रीमान् सेठ रामकरनलालजी, थाला-निवासी, की धर्मपत्नी
स्वर्गीय रामकली देवी की स्मृति में
जैन इतिहास की पूर्व पीठिका
हमारा अभ्युत्थान
लेखक प्रो. हीरालाल जैन,
एम् ए., एल एल्. वी.
प्रकाशक हिन्दी ग्रंथ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई
मुद्रक मॅनेजर-सरस्वती प्रेस, अमरावती.
१९३९]
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