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(२१७ ) (८) पल्लवदेश-चन्द्राभा नगरी के राजा धनपति ।
(नत्रचूडामणि लं०५) (६) दक्षिण-क्षेमपुरी का राजा नरपतिदेव ।
(३० चू० ल.६) (१०) मध्यदेश-हेमाभा नगरी का राजा दमित्र ।
(क्ष० चू० लं०७ श्लोक ६) (११) विदेहदेश-धरणीतिलकानगरी का जैनी राजा गोविन्दगज।
२०० लं०१० श्लोक ७-८-६) (१२) चन्द्रपुर का राजा सोमशर्मा।
(श्रेणिक चरित्र सर्ग २) (१३) वेणुपन नगर का राजा वसुपाल। .
(श्रेणिक चरित्र पर्व ५) (१४) दक्षिण केरला का राजा मृगांक जैनी।
(श्रेणिक चरित्र पर्व ६) (१५ ) हंसद्धीप का राजा रत्नचूल। "
(१६) कलिंगदेश के दन्तपुर नगर का राजा धर्मघोष जैनी, फिर दि जैन मुनि होगये।
(| च० सर्ग १०) (१७) भूमि तिलक नगरका राजा वसुपाल जैनी, पीछे यही जिनपाल नाम के मुनि हुए।
(श्रे०० सर्ग१०) (१८) कौशाम्बी (प्रयाग के पास) के राजा चंडप्रद्योत जैनी।
(श्रेच० सर्ग १०)