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विषय प्रवेश
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उच्चतम लक्ष्य यही हो सकता है ? और इसी एक रोकने सदियोंकी जड़ीभूत विचारधाराको झकझोरकर जगा दिया, और उसे मानवकल्याणकी दिशा में तथा जगत् के विपरिवर्तनमान स्वतन्त्र स्वरूपकी ओर मोड़ दिया । यह दर्शन और संस्कृति के परिवर्तनका युग था । बिहारको पवित्र भूमिपर भगवान् महावीर और बुद्ध इन दो युगदर्शियोंने मानवकी दृष्टि भोगसे योगकी ओर तथा वर्गस्वार्थसे प्राणिमात्र कल्याणकी ओर फेरी । उस युग में जिस तत्वज्ञान और दर्शनका निर्माण हुआ, वह आज के युग में भी उसी तरह आवश्यक उपयोगी बना हुआ है ।
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