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सिंहावलोकन
दासने जन्मप्रकाशिका, जटमलने बावनी गोरा बादलकी बात, प्रेम बिलास चउपई एव हसराजने हसराज नामक ग्रन्थ लिखा है।
१८वीं शताब्दीम हेमने छन्द माटिका; कैसरकीर्तिने नामरत्नाकर; विनयसागरने अनेकार्थनाममाला, कुंअरकुशालने लखपत जयसिन्धु; मानने सयोग द्वात्रिंशिका; कवि विनोदने फुटकर पद्म, उदयचन्द्रने अनूपरसाल, उदयराजने वैद्य विरहणि प्रबन्धमानसिंह विजयगच्छने राजविलासः सुवुद्धविजयने प्रतापसिंहका गुण वर्णन; जगरूपने मावदेव सूरिरास; लक्ष्मीवल्लभने कालज्ञान, धर्मसीने , उंभ क्रिया; समरथने रसमंजरी, रामचन्द्रने रामविनोद, दीपचन्द्रने वैद्यसार बालतन्त्रकी भाषा वचनिका ; जयधर्मने शकुन प्रदीप, रामचन्द्रने सामुद्रिक भापा; नगराजने सामुद्रिक भाषा लालचन्द्रने स्वरोदय भाषा टीका, रत्नशेखरने रलपरीभा; लक्ष्मीचन्द्रने आगरा गजल; खेत्तलने उदयपुर गमल और चित्तौड़ गजल, मनरूप विजयने शूनागढ़ वर्णन, उदयचन्द्रने बीकानेर गजल, दुर्गादासने भरोट, किसनने कृष्णा वावनी, केशवने केशव वावनी, जिनहर्पने जसराज वावनी और लक्ष्मीवल्लभने हेमराजबावनी नामक ग्रन्थ लिखे।
इसी शताब्दीमे जिनहर्षने उपदेशछत्तीसी सवैया मैया भगवतीदासने ब्रह्मविलास; धानतरायने उपदेशशतक, अक्षरी बावनी, धर्मविलास और आगमविलास , पण्डित शिरोमणिदासने धर्मसार ; बुलाकीदासने महाभारत और प्रश्नोत्तर श्रावकाचार: पण्डित श्यामलाल्ने सामायिक पाठ विनोदीलालने श्रीपालचरित्र ; पण्डित लक्ष्मीदासने यशोधरचरित्र और धर्मप्रवोध , पडित शिवलाल्ने चर्चासागर ; भूधरदासने जैनशतक, पावपुराण और पदसग्रह ; आनन्दधनने आनन्दबहत्तरी; यशोविजयने जसविलास , विनयविजयने विनयविलास, किसनसिंहने क्रियाकोश, भद्रबाहुचरित्र और रात्रिभोजन कथा ; मनोहरलालने धर्मपरीक्षा, बोधराज गोदीकाने सम्यक्त्वकौमुदी; खुशालचन्द्र कालाने हरिवंशपुराण, पद्मपुराण और उत्तरपुराण रुपचन्द्रने नाटक समयसारकी टीका; प० दौलतरामने