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नाटक
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कैदकी सजा मिली और उन दोनोंका सम्मान किया गया। ब्रह्मचारी और सुमित्राकै आग्रहसे राजकुमारको छोड़ दिया गया। प्रजा-कल्याण तथा जानके प्रचारके लिए महेन्द्रको नेता बनाया गया। ब्रह्मचारी और कोई नही था वह सुमित्राका पिता था यह भेद अब खुला । ___ इस नाटकमे कई भापाओका समिश्रण है। पात्र भी कई तरहके हैं कोई मारवाडी, कोई अपटूडेट, कोई साधारण गृहस्थ । अतः भापा भी मिन्न प्रकारको व्यवहृत हुई है। कुणघणा आदि मारवाडी और करै छ, उड़ानु छू आदि गुजराती शब्दोका प्रयोग भी इसमे हुआ है । यो तो साधारणतः खड़ी बोली है। बीच-बीचमे जहाँ तहाँ अॅग्रेजीके शब्दोका भी प्रयोग खुलकर किया गया है। विश्खल्ति कथाके रहनेपर भी अभिनय किया जा सकता है।
अजनासुंदरीका कथानक इतना लोकप्रिय रहा है जिससे इस कयानकका आलबन लेकर उपन्यास, कथाएँ, प्रबध-काव्य और कई नाटक
लिखे गये हैं। सुदर्शन और कन्हैयालाल्ने पृथक्-पृथक्
____ नाटक रचे हैं। इन दोनों नाटककारोंकी कथा एक है। यद्यपि सुदर्शनने अंजना और कन्हैयालालने अजनासुदरी नाम रखे है फिर भी दोनोकी कथावस्तुमे पर्याप्त साम्य है। और दोनोका लक्ष्य भी भारतीय नारीके आदर्श चरित्रको चित्रित करना है। दोनो नाटकोंमे अजनाका करणदृश्य हृदयद्रावक है। पर सुदर्शनजीकी रचना साहित्यिक दृष्टिकोणसे उच्च कोटिकी है।
प्रकृतिके सुकोमल दृश्योंके सहारे मानवीय अंतःकरणको खोलकर प्रत्यक्ष करा देनेकी कला सुदर्शनजीमे है। इसलिए अजनामे प्रकृतिके माधुर्य और सौन्दर्यका सम्बन्ध जीवनके साथ साथ चित्रित किया गया है। सुदर्शनजीके अजना नाटकमें वाणी ही नहीं, हृदय बोलता हुआ हटि-गोचर होता है। सुखदाके विचारोका कम देखिए