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________________ ८२ णाम हैं ? पानी का परिणाम है ? जीव का परिणाम है या पुद्गल का परिणाम है ? हे गौतम ! कृष्णराजियां पानी का परिगाम नहीं हैं परन्तु पृथ्वी का, जीव का और पुद्गल का परिणाम है। १५ - श्रहो भगवान् ! क्या कृष्णराजियों में सब प्राणी भूत जीव सच पहले उत्पन्न हुए हैं ? हे गौतम ! सब प्राणी भूत जीव सत्त्व अनेक बार अथवा अनन्ती नार उत्पन्न हुए किन्तु बादर कायपने, वादर ते कायपने और चादर वनस्पतिपने उत्पन्न नहीं हुए हैं । १६ - हो भगवान् ! लौकान्तिक देवों के विमान कहाँ हैं ? हे गौतम ! कृष्णराजियों के ८ श्रान्तरों में लौकान्तिक देवों के ८ विमान हैं—१ अर्ची, २ अचिमाली, ३ वैरोचन, ४ प्रभंकर, ५ चन्द्राम, ६ सूर्याभ, ७ शुक्राभ, व सुप्रतिष्टाभ और बीच में रिष्टास विमान है । इन विमानों में अनुक्रम से १ सारस्वत, श्रादित्य, ३ वह्नि, ४ वरुण, ५ गर्दतोय, ६ तुषित, ७ श्रव्याबाध, ८ आय, ६ रिष्ट । ये नौ जाति के देव परिवार सहित रहते हैं । २ 1 इन देवों का परिवार - सारस्वत और आदित्य देव के ७ देवस्वामी, ७०० देव का परिवार है । वह्नि और वरुणदेव के १४ देव स्वामी और १४००० देव का परिवार है । गर्दतोय * परिवार देवों की गाथा . पढमजुगलम्मि सत्तओसयाणि, बीयम्मि चउदस सहस्सा | तइप सत्तसहस्सा, एव चेव समाणि सेसेसु ॥
SR No.010034
Book TitleBhagavati Sutra ke Thokdo ka Dwitiya Bhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1957
Total Pages139
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size6 MB
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