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पंचेन्द्रिय इनमें भांगा पावे तीन तीन । एकेन्द्रिय में भांगा पावे १ तीसरा । नारकी देवता मनुष्य में भांगे पावे छह छह । नो संज्ञी नोअसंज्ञी जीव, मनुष्य, सिद्ध एक जीव आसरी सिय सप्रदेशी सिय प्रदेशी । बहुत जीव आसरी जीव, अनुष्य, सिद्धों में तीन तीन मांगे होते हैं। ..
५-लेश्या द्वार-अहो भगवान् ! क्या सलेशी सप्रदेशी है या अप्रदेशी है ? हे गौतम ! सलेशी समुच्चय जीव में-एक जीव बहुत जीव आसरी नियसा सप्रदेशी। २४ दण्डक के जीव
और सिद्ध भगवान् में-एक जीव भासरी सिय सप्रदेशी सिय अप्रदेशी। बहुत जीव आसरी-एकेन्द्रिय को छोड़ कर तीन तीन मांगे होते हैं, एकेन्द्रिय में एक-तीसरा मांगा होता है । कृष्ण नील कापोतलेशी समुच्चय जीव, २२ दण्डक में एक जीव सिय सप्रदेशी सिय अप्रदेशी। बहुत जीव. प्रासरी-जीव एकेन्द्रिय को छोड़ कर तीन तीन भागे होते हैं। जीव एकेन्द्रिय में भांगा पावे १ तीसरा | तेजो लेशी समुच्चय जीव, १८ दण्डक में-एक जीव आसरी सिय सप्रदेशी सिय अप्रदेशी । बहुत जीव आसरी-समुच्चय जीव और १५ दण्डक में तीन तीन मांगे होते हैं । पृथ्वी पानी वनस्पति में छह छह मांगे होते हैं। पद्मलेशी शुरूललेशी समुच्चय जीव, ३ दण्डक में-एक जीव बासरी सिय सप्रदेशी सिय अप्रदेशी, बहुत जीव बासरी तीन तीन मांगे होते हैं । अलेशी जीव, मनुष्य सिद्ध में-एक जीव आसरी सिय