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________________ ३५. सपएसे है अथवा अड्डे श्रम अपएसे है ? हे गौतम ! परमाणु पुद्गल अणड्ड े अम अपएसे है किन्तु सङ्ग समझे सपएसे नहीं है । दो प्रदेशी खंध सड्डू अमझे सपए से है: किन्तु अण्डो समझे अपएसे नहीं है । तीन प्रदेशी खंध ड्ड समझे सपएसे हैं किंतु स म अपए से नहीं है । जिस तरह दो प्रदेशी खंध कहा उसी तरह चार प्रदेशी, छह: " प्रदेशी, आठ प्रदेशी, दस प्रदेशी खंध आदि : समसंख्या वाले खंध कह देना । जिस तरह तीन प्रदेशी खंध कहा उसी तरह पांच प्रदेशी, सात प्रदेशी नव प्रदेशी आदि विषम संख्या वाले खंध कह देना । संख्यात प्रदेशी खंध सिय साढ अमझे सपएसे, सिय सपएसे नो अपएसे । इसी तरह असंख्यात - असम प्रदेशी खंध और अनन्त प्रदेशी संघ कह देना । ६ - अहो भगवान् ! परमाणु पुद्गल परमाणु पुद्गल को स्पर्श करता है तो क्या १ देसेणं देस फुसइ + २ देसेणं देसे ★★ - जिस संख्या में दो का भाग बराबर चला जाय, उसको सम-: संख्या कहते हैं। जैसे - २, ४, ६, ८, १०, १२, १४, आदि । E * जिस संख्या में दो का भाग बराबर न जावे, किन्तु एक बाकी बच जावे, उसको विषम संख्या कहते हैं । जैसे- ३५, ७, ६, ११, १३, १५ आदि। + १ - एक देश से एक देश को स्पर्श करता है ।" २-- एक देश से बहुत देशों को स्पर्श करता है। ---- ३ - एक देश से सबको स्पर्श करता है
SR No.010034
Book TitleBhagavati Sutra ke Thokdo ka Dwitiya Bhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1957
Total Pages139
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size6 MB
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