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गद्यशैली : निबन्ध एवं आलोचना [ १५७. सम्बन्धी रचनाओं को किस सीमा तक स्थान प्रदान करते थे, इसकी एक सामान्य रूपरेखा निम्नांकित सूची में प्रस्तुत है :
१. नैषध चरितचर्चा और सुदर्शन : अक्टूबर, १९०० ई० । २. नायिकाभेद : जून, १९०१ ई० । ३. कवि-कर्त्तव्य : जुलाई, १९०१ ई० । ४. 'महिषसतक' की समीक्षा : अक्टूबर, १९०१ ई० । ५. भवभूति १) : जनवरी, १९०२ ई० । ६. हिन्दी-साहित्य : जनवरी, १९०२ ई० । ७. भवभूति (२) : फरवरी, १९०२ ई० । ८. प्राचीन कविता : मार्च, १९०२ ई० । ६. प्राचीन कविता का अर्वाचीन अवतार : मार्च, १९०२ ई० । १०. खड़ी बोली का पद्य : सितम्बर, १९०२ ई० । ११. हिन्दी-भाषा और उसका साहित्य : फरवरी-मार्च, १९०३ ई० । १२. समालोचना : जून, १९०३ ई० । १३. बिहार के विज्ञान-पाठ : सितम्बर, १९०३ ई० । १४. देशव्यापक भाषा (१) : सितम्बर, १९०३ ई० । १५. देशव्यापक भाषा (२) : अक्टूबर, १९०२ ई० । १६. देशव्यापक भाषा (३): नवम्बर, १९०३ ई० । १७. सम्पादकों के लिए स्कूल : जनवरी, १९०४ ई० । १८. 'सरोजनी' और 'राजपूत' : दिसम्बर १९०४ ई० । १९. सभा और सरस्वती : दिसम्बर, १९०४ ई० । २०. स्कूली किताबें : मार्च, १९०५ ई० । २१. पूर्वी हिन्दी : मई, १९०५ ई०। २२. कालिदास की वैवाहिक कविता : जून, १९०५ ई० । २३. देशव्यापक लिपि : अगस्त, १९०५ ई० । २४. देवनागरी-लिपि का उत्पत्तिकाल : अवटूबर, १९०५ ई० ॥ २५. 'जमाना' और देवनागरी लिपि : अक्टूबर, १९०५ ई०। २६. वाल्मीकिरामायण और बौद्धमत : अक्टूबर, १९०५ ई० ।। २७. भाषा और व्याकरण : नवम्बर, १९०५ ई० । २८. आख्यायिका : दिसम्बर, १९०५ ई० । २९. भाषा और व्याकरण : दिसम्बर, १९०५ ई० । ३०. उर्दू और 'आजाद' : अप्रैल, १९०६ ई० । ३१. प्राचीन पद्य : नवम्बर, १९०६ ई.।