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दिया गया है। बेली बाहावबोध की एक उदाहरण देखिए-:
आतुर कुमार माहीं विन्द्र केसा एक बबरेन्द्र बीबू बलेन्द्र नाम कुमार मारी विद्रा परत बीच पूतानंद मुवर्षकुमार नाही नि इन्द्र मेहा बेशु देव १ बाती विद्युत भार नाहीं विन्द्रका हरिक १ हरियार
बस्नुसः इन विविध विषयको गड्य रमानों के हिन्दी वैन मड्न साहित्य के विकास कम के सोपान निधारित किए जा सकते है इन रचनामों में पहल की ही माति वैविध्य मिलबार प्रकार उक्त विवेचन में आधिकालीन हिन्दी जैन साहित्य की उपलब्ध महब रचनामों के विकास काल की लगभग सभी धाराओं का आलोचनात्मक परिचय दिया गया बानायक विवेचन करने का भी नाशिक प्रयास किया गया
कि न गलत परम्परा का ही इतिहास है।
१- अमनचालय बीकानेर समिति विना
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